Ashaye Rabbani Ki Rasm Prabhu Bhoj Holy Communion in hindi
अशा ए रब्बानी की रस्म ( Prabhu Bhoj Holy Communion
( जमाअत खड़ी रहे और पासबान आम अशा की चीज़ो पर से चादर हटा कर यह दावत पढ़े :-)
इस लिऐ तुम जो दिल ओ जान से अपने गुनाहों से सच्ची तौबा करते और अपने पड़ोसियों से प्यार और मुहब्बत रखते हो और आगे को ख़ुदा के हुक्मो की पैरवी करके और उसकी पाक राहो में चल के नयी जिंदगी बसर करने का इरादा रखते हो , ईमान के साथ पास आओ और अपनी तसल्ली के लिये इस पाक सेक्रामेंट को लो और आजिज़ी से घुटने टेक कर क़ादिर ए मुतलक़ के हुजूर फ़रोतनी से यह इक़रार करो |
( तब पासबान यह दुआ पढ़े :)
ऐ क़ादिर ए मुतलक़ ख़ुदा , हमारे आसमानी बाप , अपनी बड़ी रहमत से यह वादा किया है कि वह सब जो दिली तौबा और सच्चे ईमान के साथ तेरी तरफ़ फिरे , गुनाहों की मुआफ़ी पायेंगे | हम पर रहम कर | हमारे सारे गुनाहों को मुआफ़ कर और उन से हमें रिहाई दे ; और सारी मसीही फज़िलतों में हमें क़ायम और मज़बूत कर और हमेशा की ज़िन्दगी बख़्श , हमारे खुदावन्द यीशु मसीह के वसीले से | आमीन |
जो अशा लेने वाले हैं , मे
( तब पासबान घुटने टेके , और वह दुआ सिर झुका कर खड़े रहें , और सब मिलकर इक़रार को कहें । )
ऐ क़ादिर ऐ मुतलक़ ख़ुदा , हमारे ख़ुदावन्द यीशु मसीह के बाप , सब चीज़ों के ख़ालिक़ और सब आदमियों के मुनसिफ़ , हम अफ़सोस के साथ अपने गुनांगुन गुनाहों और बदीयों का इक़रार करते हैं जो हम से बारहा तेरी इलाही बुजुर्गी के खिलाफ़ ख्यालन , क़ौलन और फ़ेलन ब - शिद्दत सादिर हुये हैं और यूँ तेरे वाजिबी ग़ज़ब और गुस्से को अपने ऊपर भड़काया है , हम ब दिलो जान तौबा करते और अपने इन बेजा कामो के वास्ते निहायत ग़मगीन और पशेमान हैं और उनकी याद से हमें बड़ा रंज व अफ़सोस होता है । ऐ कमाल रहीम बाप , हम पर रहम कर , हम पर रहम कर , जो कुछ हम से हुआ , अपने बेटे , हमारे खुदावन्द यीशु मसीह की खातिर मुआफ़ कर और बख़्श दे कि हम आइंदा को नई ज़िन्दगी पाके हमेशा तेरी बन्दगी और खिदमत करें और तेरी मर्जी पर चलें , ताकि तेरे नाम को इज्ज़त और जलाल हो , हमारे खुदावन्द यीशु की खातिर से | आमीन |
( तब पासबान और जमाअत कहे )
( पासबान ) : अपने दिलों को रुजू करो
( जमाअत ) : हम ख़ुदावन्द की तरफ़ अपने दिलों को रुजू करते हैं ।
( पासबान ) : हम ख़ुदावन्द की शुक्रगुज़ारी करें
| ( जमाअत ) : क्योंकि यह वाजिब और मुनासिब है ।
( तब पासबान हंनोज़ घुटनों पर मेज़ की तरफ़ मुखातिब होकर कहे : ऐ ख़ुदावन्द , मुक़द्दस बाप , क़ादिर ए मुतलक़ और हमेशगी के ख़ुदा , यह बहुत लायक़ और मुनासिब बल्कि हमारा फ़र्ज़ ए मनसबी है कि हम हर वक़्त और हर जगह में तेरा शुक्र करें | इसलिए हम फ़िरिश्तों और मुकर्रब फ़िरिश्तों और आसमान की बड़ी जमाअतों के साथ तेरे बुजुर्ग नाम की ह्म्द ओ सना करते और सदा तेरी सिताइश करके कहते हैं , कुददूस , कुददूस , कुददूस ख़ुदावन्द रब्ब - उल अफ्वाज आसमान ओ ज़मीन तेरे जलाल से मामूर हैं ; ऐ ख़ुदावन्द ताला , तुझ को सिताइश हो | आमीन -
अगर कोई गुनाह करे तो बाप के पास हमारा एक मददगार मौजूद है यानी यीशु मसीह रास्तबाज़ और वही हमारे गुनाहों का कफ्फ़ारा है और न सिर्फ हमारे गुनाहों का बल्कि तमाम दुनिया के गुनाहों का भी
( १ यूहन्ना २ : १-२ )
यह बात सच और हर तरह से कुबूल करने के लायक़ है कि मसीह यीशु गुनहगारों को नजात देने के लिये दुनिया मे आया
( १ तीमुथियुस १:१५ )
ख़ुदा ने दुनिया से ऐसी मुहब्बत रखी कि उसने अपना इकलौता बेटा बख़्श दिया ताकि जो कोई उस पर ईमान लाये हलाक न हो बल्कि हमेशा की ज़िन्दगी पावे |
( यूहन्ना ३:१६ )
ऐ मेहनत उठाने वालो और बोझ से दबे हुये लोगो , सब मेरे पास आओ ; मै तुम्हें आराम दूँगा |
( मत्ती ११:२८ )
( शरीक होने वाले इसी तरह प्याला हाथ में ले कर रुके रहें , और जब कहा जाए " इसे पियो " तब सब एक साथ पिये | )
( जब सब अशा ले चुकें , पासबान ख़ुदा की मेज़ पर बाक़ी मख्सूसशुदा चीज़ो को रख कर उन के ऊपर फिर साफ़ और सुफ़ेद चादर बिछा दे )
( तब पासबान और जमाअत घुटने टेक कर साथ - साथ यह कहें :)
ऐ ख़ुदावन्द , हमारे आसमानी बाप , हम तेरे आजिज़ बन्दे यह अर्ज करते हैं कि तू रहीम होकर अपनी पिदराना शफ़क़त से हमारी इस शुक्र और तारीफ़ की कुर्बानी को कुबूल कर ; और हम कमाल फ़रोतनी से तेरी मिन्न्त करते हैं कि हमारे ख़ुदावन्द यीशु मसीह के सवाब और उसकी मौत और उसके लहू पर ईमान लाने के बाइस हम और तेरी सारी कलीसिया अपने गुनाहों की मुआफ़ी और उसकी और सब नियामतों को पावें | और यहाँ ऐ खुदावन्द , हम अपने तई बदन और जान समेत तेरी नज़र गुज़रानते हैं ताकि तेरे लिये एक माकूल और मुक़द्दस और ज़िन्दा कुर्बानी हो | और फ़िरोतनी से तेरी मिन्न्त करते कि हम सब जो इस पाक सेक्रामेंट मे शरीक हैं तेरे फ़ज़ल और तेरी आसमानी बरकत से मामूर हो जायें | और अगरचें हम अपने तरह - तरह के गुनाहों के सबब तेरे हुजूर कोई कुर्बानी गुज़रानने के लायक़ नहीं तौभी हम मिन्नत करते हैं कि तू हमारी लियाक़त का अन्दाज़ा न कर बल्कि हमारी ख़ताओं को .......
की मुआफ़ी के लिये बहाया जाता है जब - जब तुम उसे पियो , मेरी यादगारी के लिये पिया करो
( तब पासबान ख़ुदावन्द की मेज़ के पास घुटने टेक कर जमाअत के साथ यह दुआ पढ़े :-)
ऐ रहीम ख़ुदा , हम अपनी रास्तबाज़ी पर तकिया रख के तेरे दस्तरख्वान के पास नहीं आ सकते हैं पर तेरी बेशुमार और बड़ी रहमतों पर भरोसा रख के आते हैं , क्योकि हम इस लायक भी नही हैं कि जो चूर - चार तेरे दस्तरख्वान पर से गिरते हैं , उन को उठा लें | पर तू वह ख़ुदा है जो सदा रहमत फ़रमाता है | इस लिये , ऐ मेहरबान ख़ुदा , बख़्श दे कि हम इस तौर से तेरे प्यारे बेटे यीशु मसीह के जिस्म को खावें और उस के लहू को पीयें कि हमारे गुनाह आलूदा जान ओ जिस्म उस की मौत के वसिले पाक किये जायें और उसके बेशक़ीमत लहू से साफ़ हों और कि हम उसमें हमेशा रहें और वह हम में | आमीन ।
( तब पासबान कलमात ए बरकात से जमाअत को रुख्सत करे )
ख़ुदा का इतमीनान जो सारी समझ से बाहर है तुम्हारे दिलों और ख्यालों को ख़ुदा की और उसके बेटे हमारे खुदावन्द यीशु मसीह की पहिचान और मुहब्बत में महफूज़ रखे और क़ादिर ए मुतलक़ ख़ुदा बाप और बेटे और रूह - उल - कुद्स की बरकत तुम्हारे दरमियान में हो और तुम्हारे साथ अबद तक रहे | आमीन |
लियाक़त का अन्दाज़ा न कर बल्कि हमारी ख़ताओं को मुआफ़ करके इस खिदमत को जो हम पर फ़र्ज़ है , कुबूल कर , हमारे ख़ुदावन्द यीशु मसीह के वसीले से , जिस की मार्फ़त और जिस के साथ रूह उल कुद्स की यगानगी में ऐ क़ादिर मुतलक़ बाप , तमाम इज्ज़त ओ ताज़ीम अबद उल आबाद तेरी होती रहे | आमीन ।
( तब सब खड़े होकर यह तमजीद पढ़ें )
( सब ) - आलम ए बाला पर ख़ुदा की तमजीद और ज़मीन पर सुलह और बनी आदम से रज़ामन्दी हो
। ऐ ख़ुदावन्द ख़ुदा , आसमानी बादशाह , ख़ुदा क़ादिर ए मुतलक़ बाप , हम तेरे बड़े जलाल के सबब तेरी हम्द करते हैं , तुझ को मुबारक कहते , तेरी परस्तिश करते , तेरा जलाल ज़ाहिर करते और तेरा शुक्र करते हैं । ऐ ख़ुदावन्द एकलौते बेटे यीशु मसीह , ऐ खुदावन्द ख़ुदा , ख़ुदा के बरे , बाप के बेटे , तू जो जहान के गुनाहों को उठा ले जाता है , हम पर रहम कर , तू जहान के गुनाहों को उठा ले जाता है , हम पर रहम कर , तू जो जहान के गुनाहों को उठा ले जाता है , हमारी दुआ कुबूल कर ; तू जो ख़ुदा बाप के दाहिने हाथ बैठा है , हम पर रहम कर ; क्योंकि तू ही कुददूस है , तू ही ख़ुदावन्द है , ऐ मसीह , तू ही रूह उल कुद्स के साथ ख़ुदा बाप के जलाल मे आला है । आमीन |
( तब पासबान मेज़ के पास घुटने टेक कर यह तक़दीस की दुआ पढ़े
ऐ क़ादिर ए मुतलक़ ख़ुदा , हमारे आसमानी बाप , तू ने अपनी बड़ी कमाल रहमत से अपने इकलौते बेटे यीशु को मसलूब होने को दे दिया ; और उस ने आप मसीह को हमारी खलासी के लिये अपने तई कफ़ारे में देकर तमाम दुनिया के गुनाहों के लिये एक पूरी कामिल और काफ़ी कुर्बानी गुज़रानी और उसने इस रस्म को मुक़र्रर करके अपनी पाक इंजील में यह हुक्म दिया कि हम उसकी बेशक़ीमत मौत की यादगारी में इस रस्म को , जब तक कि वह फिर न आये , मानते रहें ; हम फ़िरोतनी से तेरी मिन्न्त करते हैं कि हमारी सुन और बख़्श दे कि हम अपने नजात दिहिन्दा ख़ुदावन्द यीशु मसीह के दुःख और मौत की यादगारी में यह रोटी और मय खा पीकर उसके कमाल मुबारक बदन और लहू से फ़ायदा हासिल करें , कि जिस रात वह पकड़वाया गया उसने रोटी ली
( पासबान रोटी के बरतन को अपने हाथ में लेवे )
और करके तोड़ी और अपने शागिर्दो को देकर कहा : लो खाओ मेरा बदन है जो तुम्हारे लिये दिया जाता है ; तुम मेरी यादगारी के लिये यही किया करो | और इसी तरह उसने खाने के बाद प्याला भी लिया ( पासबान प्याले को अपने हाथ में लेवे ) और शुक्र करके उन को दिया और कहा कि तुम सब इस से पियो कि यह नये अहद का मेरा लहू है जो तुम्हारे और बहुतों के गुनाहों की मआफ़ी के लिये बहाया जाता है । जब - जब तम उसे शुक्र यह
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